tag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post7221157728207393745..comments2022-11-26T00:29:05.904-08:00Comments on चार्वाक: उन्माद के उत्सव में गुम सवालशेषhttp://www.blogger.com/profile/02424310084431510395noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post-46187246637082361782012-01-02T07:31:28.910-08:002012-01-02T07:31:28.910-08:00यही है कि युवा न तो यह सब देखने-महसूस करने के लिए ...यही है कि युवा न तो यह सब देखने-महसूस करने के लिए तैयार है और न सुनने के लिए। बाज़ार की ताकतें कामयाब हो रही हैं। अपने ही दुखों से गाफिल कर दी गई दुनिया।Ek ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post-70817726645324807262011-12-23T02:21:49.512-08:002011-12-23T02:21:49.512-08:00गम्भीर और सचेत। फेसबुक पर बाँट रहा हूँ।गम्भीर और सचेत। फेसबुक पर बाँट रहा हूँ।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.com