tag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post4075817949080355270..comments2022-11-26T00:29:05.904-08:00Comments on चार्वाक: मैं नास्तिक क्यों हूंशेषhttp://www.blogger.com/profile/02424310084431510395noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post-43774084239498236152012-03-23T10:51:16.122-07:002012-03-23T10:51:16.122-07:00यह सोचना की पाप कर्मो के कारण अगले जन्म में किसी न...यह सोचना की पाप कर्मो के कारण अगले जन्म में किसी निकृष्ट योनी में जन्म होता है ये मूर्खता है और नासमझों द्वारा फैलाया गया झूठ है| जो लोग वेदों और पुराणों में लिखी गयी बातों की सारगर्भिता को समझ नहीं पाए हैं वही ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें करते है| विज्ञानं भी इश्वर की सत्ता को स्वीकारता है और आत्मा के अस्तित्व को भी इसपर प्रश्नचिंह लगाना व्यर्थ का प्रलाप है| इश्वर का अस्तित्व भी है और संसार के निर्माण का कारण भी है| जो नहीं जानते इस बारे में वो ना जाने लेकिन व्यर्थ ही अन्य लोगो को दिग्भ्रमित ना करें हिंदू धर्म में लिखी सभी बातें सत्य नहीं लेकिन यह भी सत्य है अधिकतर बातें मानव रचित ही हैं| केवल वेद ही ईश्वरीय ज्ञान है पुराण केवल इतिहास ग्रन्थ है| जिस चीज़ को हम नहीं जान पाए हैं इसका मतलब ये नहीं की उस चीज़ का कोई अस्तित्व ही नहीं है|आप अफ्रीका के घने जंगल में रहने वाले आदिवासियों से टेलीविजन के बारे में पूछेंगे तो उनको इस बारे में कुछ नहीं पता होगा इसका ये आशय नहीं की टेलीविजन का अस्तित्व ही नहीं है बल्कि उन आदिवासियों ने कभी टेलीविजन नहीं देखा होता है इसलिए वो सोच भी नहीं सकते की टेलीविजन कैसा होता होगा| एक बात मैं आपको और बताऊँ की प्राचीन पुराण की कथाएं जब आप पढेंगे तो उसमे कहीं भी भवनों, विमानों, राठो आदि के बाहरी या आंतरिक स्थापत्य या उनकी रूप रेखा का कोई वर्णन आपको नहीं मिलेगा जो भी हम टी वी के धार्मिक धारावाहिको में देखते हैं| वो सब कल्पना से बनाये गए होते है उनको ये बिलकुल भी नहीं पता होता की उस समय का स्थापत्य कैसा होता होगा वो केवल आज से कुछ हज़ार वर्ष पूर्व के राजाओ के महलों के भग्नावशेषो से प्रभावित होते है और उसी स्थापत्य कला का प्रयोग करते हैं क्यों की उनकी सोच इससे आगे जा ही नहीं सकती आपको क्या पता की उस समय के लोग कैसे रहते होंगे| आप सोचिये की यदि इस संसार में किसी ने चार हाथ वाले चक्र धारी को कभी भी नहीं देखा होता तो क्या इसकी कल्पना की जा सकती थी| यदि कतःओं में विमान का उल्लेख नहीं होता तो क्या आज हवाई जहाज बन सकता था बिलकुल नहीं| मनुष्य की कल्पना भी देखि हुए चीजों पर ही आधारित होती है| एक और उदाहरण देता हूँ आपने होलीवुड की कई फिल्मो में परग्रही प्राणियों को देखा होगा लेकिन हर बार वो प्राणी मनुष्य से मिलते जुलते क्यों होता हैं| क्योकि हमने कभी कोई अलग तरह की विकसित बुद्धि वाली जाती देखि ही नहीं है| हमारा दिमाग वही कल्पनाये कर सकता है जो कहीं न कही देखि हुयी या सुनी हुयी बातों से जुडी होती है| इस आधार पर मैं कह सकता हूँ की जो कुछ भी पुराणों में लिखा है वो सत्य है क्यों की मनुष्य की कल्पना इतनी असीम नहीं है की ऐसे चरित्रों को रच सके| मुझे आशा की आपको मेरी बात समझ में आ गयी होगी|<br />||जय महाकाल||Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post-15145861407521196362011-09-29T22:53:02.309-07:002011-09-29T22:53:02.309-07:00आपका आभारी हूं कि आपने ये सामग्री यहां प्रकाशित की...आपका आभारी हूं कि आपने ये सामग्री यहां प्रकाशित की. कृपया मुझे इसे अपने ब्लॉग पर यथावत प्रकाशित करने की अनुमति दीजिये.योगेश कुमार 'शीतल'https://www.blogger.com/profile/06790106583161027386noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post-78784368730718270412009-06-12T00:27:35.046-07:002009-06-12T00:27:35.046-07:00वाह भई।
आप कहां छुपे हुए थे, एक टिप्पणी ने आप तक प...वाह भई।<br />आप कहां छुपे हुए थे, एक टिप्पणी ने आप तक पहुंचाया है।<br /><br />आपके दृष्टिकोण की दिशा अच्छी लगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06584814007064648359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9014245926951665678.post-89322942734831068262009-04-05T15:37:00.000-07:002009-04-05T15:37:00.000-07:00my friend if you want your aricle read more pepole...my friend if you want your aricle read more pepole then submit your web site link here <BR/><BR/>http://indiandigg.com<BR/><BR/>and other social bookmarking site like mixx,humsurfer,devbhai.com,guruadda.com,reddit.comsameerhttps://www.blogger.com/profile/06436190852061636455noreply@blogger.com